फिर आई फ़स्ल-ए-गुल ऐ यार देखिए क्या हो जुनूँ का दिल में चुभा ख़ार देखिए क्या हो सब आश्ना हुए उस के बिछड़ते बेगाने हुई है बे-कसी अब यार देखिए क्या हो चमन में बाँधने को आशियाना-ए-बुलबुल गुलों ने जम्अ किए ख़ार देखिए क्या हो हुआ है ये दिल-ए-दीवाना क़ाबिल-ए-ज़ंजीर खुले हैं गेसू-ए-दिलदार देखिए क्या हो वो सर्व-क़द की मोहब्बत का तौक़ जूँ कुमरी हुआ है मेरे गले हार देखिए क्या हो वो 'उज़लत' अब मिरा बूझेगा ग़म कि आरसी देख हुआ है अपना गिरफ़्तार देखिए क्या हो