फूलों का ख़याल आए तो लगता है कि तुम हो तारों पे नज़र जाए तो लगता है कि तुम हो घनघोर घटाओं के झमेलों में अचानक बिजली कोई लहराए तो लगता है कि तुम हो ममता की हसीं बाँह में सोया हुआ मासूम ख़्वाबों में जो मुस्काए तो लगता है कि तुम हो चलते हुए सुनसान सी राहों में अकेले पत्ता भी खड़क जाए तो लगता है कि तुम हो वो धुन है तुम्हारी कि ज़माने में कहीं भी पायल कोई छनकाए तो लगता है कि तुम हो