फूटे मन से बोल, लगा ये ज़िंदा हूँ मैं अब मुझ को एहसास हुआ ये ज़िंदा हूँ मैं यारो मेरे नाम पे रोना बंद करो तुम दूर हटाओ अब मजमा' ये ज़िंदा हूँ मैं आँखें मल मल कर देखा क़ातिल ने मुझ को सच निकला उस का ख़दशा ये ज़िंदा हूँ मैं मैं तस्दीक़ करूँगा तेरे गर्म लह्हू की तू भी मुझ को याद दिला ये ज़िंदा हूँ मैं मुझ पर मेरी ज़ात उधार है लेकिन 'सौरभ' चुकता कर दूँगा क़र्ज़ा ये, ज़िंदा हूँ मैं