गाहे-गाहे न मुझ को ग़िज़ा दीजिए भूक को मारने की दवा दीजिए मैं हूँ सच्चा तो मुझ को सिला दीजिए और झूटा हूँ तो फिर सज़ा दीजिए बोल कर ही बताना ज़रूरी नहीं आप राज़ी हैं तो मुस्कुरा दीजिए वो जो चेहरे के पीछे भी दिखलाता हो मुझ को ऐसा कोई आईना दीजिए हम भी आए हैं झुकने दर-ए-यार पर हम को भी जाने का रास्ता दीजिए मेरे दिल में तो बस आप ही आप हैं आप के दिल में क्या है बता दीजिए अपने बाहर से 'उल्फ़त' बहुत मिल चुका अब मिरे घर से मुझ को मिला दीजिए