गाम गाम ख़्वाहिशें By Ghazal << ऐ सनम देर न कर अंजुमन-आरा... लिए मैं क़दम जो उस के तो ... >> गाम गाम ख़्वाहिशें ना-तमाम ख़्वाहिशें हर ख़ुशी की मौत हैं बे-लगाम ख़्वाहिशें ले ही आएँ आख़िरश ज़ेर दाम ख़्वाहिशें होश में नहीं हूँ मैं सुब्ह-ओ-शाम ख़्वाहिशें काटती हैं रूह को बे-नियाम ख़्वाहिशें Share on: