ग़म का कोई तो हल तलाश करें ख़ूबसूरत महल तलाश करें नफ़रतों के उजाड़ मौसम में प्यार का कोई पल तलाश करें भूक उगने लगी है बस्ती में तिश्ना-लब लोग जल तलाश करें कितने पागल हैं मेरे शहर के लोग बाँझ मौसम में फल तलाश करें तल्ख़ यादों को भूल कर 'शाहिद' हाल में अपना कल तलाश करें