ग़म में जो शाद-काम होते हैं क़ाबिल-ए-एहतिराम होते हैं रहम लुत्फ़-ओ-करम तरस एहसाँ ज़ुल्म के कितने नाम होते हैं शिकवा-ए-ग़म जहाँ है सू-ए-अदब ऐसे भी कुछ मक़ाम होते हैं ताज-दारी वो क्या करेंगे जो ख़्वाहिशों के ग़ुलाम होते हैं एहतियातों के शहर में 'अनवर' हादसे सुब्ह-ओ-शाम होते हैं