गिले शिकवे भुलाना आ गया फिर ग़मों पे मुस्कुराना आ गया फिर तू खेला है हमेशा दिल से मेरे हमें भी दिल दुखाना आ गया फिर मिरी तस्वीर ले तो जा रहे हो उसे दिल से लगाना आ गया फिर मेरी हर बात को परखा है तुम ने मुझे भी आज़माना आ गया फिर तुम्हारी याद से वाबस्ता है दिल तुम्हें दिल से भुलाना आ गया फिर हमेशा फेर के मुँह बात करना हमें भी रूठ जाना आ गया फिर किसी के एक से रहते नहीं दिन कहीं मेरा ज़माना आ गया फिर ख़ुदा ने बख़्श दी तौफ़ीक़ 'काशिफ़' हमें भी सर झुकाना आ गया फिर