गोरा मुखड़ा गोरे गाल उस पे क़यामत बिखरे बाल किस दिन होगा उन से मिलना देख नुजूमी मेरी फ़ाल हिज्र में तेरे जान-ए-तमन्ना एक इक पल है सौ सौ साल ग़ैर हैं घेरे उन को हर दम कैसे गले फिर अपनी दाल एक नज़र है दिल की क़ीमत कितना है ये सस्ता माल आज है साक़ी मौज में पी ले बात न उस की ज़ाहिद टाल हाथ न रंगिए आप हिना से ख़ून से मेरे कीजे लाल देख के रहना बाग़ में बुलबुल लिए शिकारी फिरते जाल रोकेगा हर तीर को तेरे सीने मेरा बन कर ढाल उन पे आ कर छाई जवानी मुझ पे घर कर आया काल तौबा तौबा मस्त जवानी अल्लाह अल्लाह बाँकी चाल कोई नहीं है जग में अपना किस को सुनाएँ दिल का हाल जीने का जो लुत्फ़ है लेना ग़म की बुलबुल दिल में पाल ग़ैरों का तो काम है जलना बात पे उन की मिट्टी डाल सुन कर मेरे मीठे शेर टपके 'जौहर' सब की राल