गुल-बदन गुल-एज़ार आ जाओ जा रही है बहार आ जाओ है अगर मुझ से प्यार आ जाओ है फ़ज़ा साज़-गार आ जाओ दीदा-ओ-दिल हैं फ़र्श-ए-राह मिरे हमा-तन इंतिज़ार आ जाओ छूट जाए कहीं न दामन-ए-सब्र न करो बे-क़रार आ जाओ आ के चाहो तो फिर चले जाना ब-ख़ुदा एक बार आ जाओ जैसे पहले मिला था मैं तुम से तुम भी दीवाना-वार आ जाओ तुम सताओगे कितना बर्क़ी को हो अगर ग़म-गुसार आ जाओ