हाँ तिरे प्यार की बहार हूँ मैं इस कहानी का इख़्तिसार हूँ मैं बे-क़रारी में इक क़रार हूँ मैं ज़र्रे-ज़र्रे से आश्कार हूँ मैं ऐ मिरी ज़ीस्त की हसीं उम्मीद सुब्ह का तेरी ए'तिबार हूँ मैं मिशअल-ए-राह ज़िंदगी है तू और मंज़िल की राज़दार हूँ मैं कौन जानेगा कौन समझेगा किस क़दर कितनी बे-क़रार हूँ मैं मिरी आँखों की रौशनी है तू तू है सूरज तिरा हिसार हूँ मैं ज़ुल्मतों के ख़िलाफ़ ऐ 'राजे' एक शमशीर-ए-आब-दार हूँ मैं