हादिसा ये सर-ए-बाज़ार भी हो सकता है दिल किसी रोज़ गिरफ़्तार भी हो सकता है मिरी तहज़ीब से ख़ुशबू न निकाली जाए वर्ना लहजे मिरा तलवार भी हो सकता है अपनी आँखों से पिलाने की कोई बात भी कर मै-कदा दूर है इंकार भी हो सकता है आज-कल वो भी मुलाक़ात पे आमादा है आज की रात चमत्कार भी हो सकता है शाहज़ादे से कहो मह्ल से बाहर भी रहे ये कनीज़ों में गिरफ़्तार भी हो सकता है मसअला ये है कि उनत्तीसवीं शब है लेकिन बादलों चाँद का दीदार भी हो सकता है