है सफ़र में कारवान-बहर-ओ-बर किस के लिए हो रहा है एहतिमाम-ए-ख़ुश्क-ओ-तर किस के लिए किस की ख़ातिर ज़ाइक़ों की सख़्तियों में हैं समर और झुक जाती है शाख़-ए-बारवर किस के लिए किस की ख़ातिर हैं बदलते मौसमों की बारिशें दिल ग़मीं किस के लिए है चश्म तर किस के लिए रत-जगों में गूँजने वाली सदाएँ किस की हैं है हुनर किस के लिए अर्ज़-ए-हुनर किस के लिए किस ने ज़ख़्म-ए-ना-रसी से भर दिए हैं रास्ते चारासाज़ी किस लिए है चारागर किस के लिए ला-मकाँ में कौन रहता है मकाँ में क्या नहीं दश्त हैं किस के लिए दीवार-ओ-दर किस के लिए किस ने रक्खी हैं हर इक मंज़र में रंगीं साअतें ख़ल्क़ फ़रमाए गए हैं बे-बसर किस के लिए कौन सुनता है हवाओं की अजब सरगोशियाँ और जाती हैं हवाएँ दर-ब-दर किस के लिए