हक़ीक़त महरम-ए-असरार से पूछ मज़ा अंगूर का मय-ख़्वार से पूछ वफ़ा अग़्यार की अग़्यार से सुन मिरी उल्फ़त दर ओ दीवार से पूछ हमारी आह-ए-बे-तासीर का हाल कुछ अपने दिल से कुछ अग़्यार से पूछ दिलों में डालना ज़ौक़-ए-असीरी कमंद-ए-गेसू-ए-ख़मदार से पूछ दिल-ए-महजूर से सुन लज़्ज़त-ए-वस्ल नशात-ए-आफ़ियत बीमार से पूछ नहीं जुज़ गिर्या-ए-ग़म हासिल-ए-इश्क़ हमारी चश्म-ए-दरिया-बार से पूछ नहीं आब-ए-बक़ा जुज़ जल्वा-ए-दोस्त किसी लब-तिश्ना-ए-दीदार से पूछ फ़रेब-ए-वादा-ए-दिलदार की क़द्र शहीद-ए-ख़ंजर-ए-इंकार से पूछ फ़ुग़ान-ए-शौक़ को माने नहीं वस्ल ये नुक्ता अंदलीब-ए-ज़ार से पूछ तसव्वुर में किया करते हैं जो हम वो तस्वीर-ए-ख़याल-ए-यार से पूछ मता-ए-बे-बहा है शेर-ए-'हाली' मिरी क़ीमत मिरी गुफ़्तार से पूछ