हक़ीक़त से ज़बाँ आगाह कर ले ये इस्म-ए-अल्लाह बिस्मिल्लाह कर ले धुन से दूर कर क़ुफ़्ल दुई को ज़बाँ मिफ़्ताह-ए-इल-लल्लाह कर ले कुदूरत दिल से खो लहव-ओ-लअ'ब की सआ'दत से सफ़ा है राह कर ले मुबारकबाद ऐश-ओ-जाह-ओ-दौलत हज़ूज़-ए-उम्र ख़ातिर-ख़्वाह कर ले कहाँ फ़ुर्सत ज़मान-ए-कश्मकश में मुनासिब है अभी कुछ राह कर ले जिसे देखा न देख उस को कभी तू न देखा जिस को उस की चाह कर ले सख़ा हिम्मत मुरव्वत हैं तिरे पास कोई हमराह तू हमराह कर ले भुलावा है तिलिस्म-ए-ज़िंदगानी विदा-ए-हुब्ब-ए-उज़्व-ए-जाह कर ले 'नसीम'-देहलवी ये आरज़ू है कहीं अपना मुझे अल्लाह कर ले