हमारा फिर कभी पीछा करोगे हमें छुप-छुप के फिर देखा करोगे अगर कुछ दिन नज़र आए न तुम को हमारा तुम कभी पूछा करोगे हमें तुम ढूँढने घर से अकेले हमारी खोज में निकला करोगे बिछड़ जाएँ अगर हम तुम अचानक हमारे बा'द क्या तन्हा करोगे अगर ये सोच भी हो जाए पूरी तो इस के बा'द क्या सोचा करोगे