हमारे जीने की आसानी छीन लेता है जगा के प्यास ख़ुदा पानी छीन लेता है शब-ए-फ़िराक़ वो आती है ख़्वाब में मिलने ये वस्ल हिज्र की वीरानी छीन लेता है मैं देख लेता हूँ हँसता हुआ तिरा चेहरा ये मेरी सारी परेशानी छीन लेता है फ़रेबी दोस्त पे कैसे मैं ए'तिबार करूँ ये जज़्बा शाहों से सुल्तानी छीन लेता है वो माँगता नहीं है अपना हक़ किसी से भी वो माँगता नहीं है या'नी छीन लेता है