हमें जब काम से फ़ुर्सत मिलेगी तुम्हें उस वक़्त ही चाहत मिलेगी जनाज़े पर ज़रूर आना हमारे वहाँ तुम को नई इबरत मिलेगी हमारी धड़कनों को सुनने वाले यहाँ हर पल तुम्हें हैरत मिलेगी रिवायत से भला कब मुन्हरिफ़ हैं इन आँखों में मगर जिद्दत मिलेगी तुम्हारा नाम कत्बे पर लिखा है हमारी क़ब्र को शोहरत मिलेगी बहावलपुर से 'अज़हर' नाम लेना तुम्हें हर हल्क़े में इज़्ज़त मिलेगी हमें कब ईद से मतलब है 'कामिल' उसे देखेंगे तो राहत मिलेगी