हमें ख़ुद को बचाना भी नहीं है मगर यूँ ही मिटाना भी नहीं है नया अपना फ़साना भी नहीं है मगर इतना पुराना भी नहीं है नहीं यादों में उस की दिल जलाना मगर यकसर भुलाना भी नहीं है भटकना तो नहीं है हम को लेकिन बनाना आशियाना भी नहीं है नहीं कुछ लेना देना ज़िंदगी से मगर इस को गँवाना भी नहीं है