हमीं न होते तो होती कहाँ की वीरानी मकीं के होने से ही है मकाँ की वीरानी ज़ियाँ नफ़ा लिसान-ओ-ज़बाँ की वीरानी तिरे बग़ैर है आह-ओ-फ़ुग़ाँ की वीरानी तिरे गुमान से मेरा यक़ीन वीराँ है मिरे यक़ीं से है तिरे गुमाँ की वीरानी तुम्हारे साथ है दुनिया-ओ-आख़िरत मेरी तुम्हारे बाद मिरे दो जहाँ की वीरानी तमाम रात कोई फूट फूट कर रोया तमाम शब थी किसी आस्ताँ की वीरानी