हँसो तो साथ हँसेंगी दुनिया बैठ अकेले रोना होगा चुपके चुपके बहा कर आँसू दिल के दुख को धोना होगा बैरन रीत बड़ी दुनिया की आँख से जो भी टपका मोती पलकों ही से उठाना होगा पलकों ही से पिरोना होगा खोने और पाने का जीवन नाम रखा है हर कोई जाने उस का भेद कोई न देखा क्या पाना क्या खोना होगा बिन चाहे बिन बोले पल में टूट फूट कर फिर बन जाए बालक सोच रहा है अब भी ऐसा कोई खिलौना होगा प्यारों से मिल जाएँ प्यारे अनहोनी कब होनी होगी काँटे फूल बनेंगे कैसे कब सुख सेज बिछौना होगा बहते बहते काम न आए लाख भँवर तूफ़ानी-सागर अब मंजधार में अपने हाथों जीवन नाव डुबोना होगा जो भी दिल ने भूल में चाहा भूल में जाना हो के रहेगा सोच सोच कर हुआ न कुछ भी आओ अब तो खोना होगा क्यूँ जीते-जी हिम्मत हारें क्यूँ फ़रियादें क्यूँ ये पुकारें होते होते हो जाएगा आख़िर जो भी होना होगा 'मीरा-जी' क्यूँ सोच सताए पलक पलक डोरी लहराए क़िस्मत जो भी रंग दिखाए अपने दिल में समोना होगा