हनूज़ ज़िंदगी-ए-तल्ख़ का मज़ा न मिला कमाल-ए-सब्र मिला सब्र-आज़मा न मिला मिरी बहार-ओ-ख़िज़ाँ जिस के इख़्तियार में है मिज़ाज उस दिल-ए-बे-इख़्तियार का न मिला हवा के दोश पे जाता है कारवान-ए-नफ़स अदम की राह में कोई पियादा-पा न मिला बस एक नुक़ता-ए-फ़र्ज़ी का नाम है का'बा किसी को मरकज़-ए-तहक़ीक़ का पता न मिला उमीद-ओ-बीम ने मारा मुझे दो-राहे पर कहाँ के दैर-ओ-हरम घर का रास्ता न मिला ब-जुज़ इरादा-परस्ती ख़ुदा को क्या जाने वो बद-नसीब जिसे बख़्त-ए-ना-रसाना मिला निगाह-ए-'यास' से साबित है सई-ए-ला-हासिल ख़ुदा का ज़िक्र तो क्या बंदा-ए-ख़ुदा न मिला