हर एक चेहरा अभी आश्ना नया नया है कि शक तो लाज़मी है आइना नया नया है तिरी रज़ा के मुताबिक़ ही फ़ैसले होंगे तू सब्र कर कि अभी राब्ता नया नया है वो बा'द तर्क-ए-तअ'ल्लुक़ करे है याद मुझे उसे सलीक़ा नहीं बेवफ़ा नया नया है वही मसर्रत-ए-वस्ल और वही अज़ाब-ए-फ़िराक़ जुज़ एक नाम मोहब्बत में क्या नया नया है पड़ी हैं मेज़ पे बिखरी किसी की तस्वीरें निगाह रखिए कि घर में दिया नया नया है अब उस का नाम चलो ए'तिबार ही रख लें ज़बान-ए-वस्ल पे इक आबला नया नया है जो दाइमी है ज़मीन-ओ-फ़लक के बीच 'आफ़ाक़' हमारे दरमियाँ वो फ़ासला नया नया है