हर हक़ीक़त सराब की सूरत ख़्वाब में हूँ मैं ख़्वाब की सूरत मैं तिरी ही किताब में तुझ को रख चुकी हूँ गुलाब की सूरत तुझ को महसूस कर रही हूँ मैं आने वाले अज़ाब की सूरत लौह-ए-महफ़ूज़ में मुझे कोई लिख रहा है किताब की सूरत मो'जिज़ा है अगर निकल आए ख़ुश्क मिट्टी में आब की सूरत क़र्ज़ दूँगी तिरी मोहब्बत का उम्र भर के अज़ाब की सूरत