हर कठिन मोड़ पे बनते हैं सहारे मेरे दोस्त अच्छे हैं सुनो सारे के सारे मेरे ये अलग बात कि कुछ कर नहीं पाएँगे मगर रात की राह तो रोकेंगे सितारे मेरे कहीं सरसों का तलातुम कहीं काहू का सुकूत एक से एक हैं गाँव के नज़ारे मेरे शब समझती है मिरी बात की सारी परतें दिन पे खुल ही नहीं पाते हैं इशारे मेरे एक ही तरह से जो सोचते हैं हम दोनों एक से दर्द हैं या'नी कि तुम्हारे मेरे