हर रस्ता पुर-बहार हुआ है अभी अभी दिल दिल का राज़दार हुआ है अभी अभी दामन की धज्जियों को सितारों से बाँध कर कोई फ़लक के पार हुआ है अभी अभी उस को पता नहीं है ख़िज़ाँ के मिज़ाज का वो वाक़िफ़-ए-बहार हुआ है अभी अभी इश्क़-ए-बशर से इश्क़-ए-ख़ुदा मो'तबर हुआ ये नुक्ता आश्कार हुआ है अभी अभी अश्कों में तैर उट्ठी लहू की लकीर सी दिल पर नज़र का वार हुआ है अभी अभी आ जा ख़ुदा के वास्ते आ जा न देर कर दिल मेरा वा-गुज़ार हुआ है अभी अभी मौजों की सीना-कूबी बताती है बरमला दरिया के कोई पार हुआ है अभी अभी उस पर लिखी थी जान-ए-मोहब्बत की दास्ताँ दामन जो तार तार हुआ है अभी अभी