हर सम्त देखता हूँ लगातार मतलबी इस पार मतलबी मियाँ उस पार मतलबी ख़ुद फ़ाएदा उठाया हमारे जुनूँ से और कहने लगे हैं अब हमें सरकार मतलबी कोशिश के बावजूद जो खुलता नहीं कभी इक जानता हूँ ऐसा पुर-असरार मतलबी है उस की बेवफ़ाई भी लज़्ज़त भरी जनाब है मेरा एक दोस्त मज़ेदार मतलबी दर कर रहे थे धोका अज़ीज़ान मेरे साथ मुझ को ये लग रहा था है दीवार मतलबी हम ही नहीं हैं रंग के तहज़ीब-आश्ना उस शोख़ के नहीं लब-ओ-रुख़्सार मतलबी पहचानता हूँ देखते ही उन को दोस्तो मिलते हैं मुझ को दिन में कई बार मतलबी 'मन्नान' कर रहा हूँ मैं अब दोस्तों को कम हर रोज़ छोड़ता हूँ मैं दो-चार मतलबी