हर तमन्ना पूरी कर दे जो हमारे दिल में है आने वाले अब तो आ जा ज़िंदगी मुश्किल में है किस तरह भूलेंगे तुझ को भूलना मुमकिन नहीं तेरी यादों का दिया रौशन हमारे दिल में है हसरत-ओ-उम्मीद के इस बार शायद गुल खिलें देख वो ग़ुंचा-दहन जान-ए-चमन महफ़िल में है यूँ तो कहने को उसे कहती है दुनिया बे-गुनाह ख़ून-ए-दिल का दाग़ लेकिन दामन-ए-क़ातिल में है देखना ऐ 'दर्द' हो जाएँगे दिल कितने असीर ज़ुल्फ़-ए-पेचाँ आज वो खोले हुए महफ़िल में है