हर तरफ़ आँख में है नमी दोस्तो खो गई है कहीं पर हँसी दोस्तो रंज-ओ-ग़म और उदासी के माहौल में आईये बाँटते हैं ख़ुशी दोस्तो दर्द-दुख हम किसी का जो कम कर सकें अस्ल में है वही बंदगी दोस्तो दिल की महफ़िल सजी है चले आईये आईये आप की है कमी दोस्तो दो क़दम तुम चलो दो क़दम हम चलें ज़िंदगी से मिले ज़िंदगी दोस्तो कह रही है 'किरन' आईये आज हम प्यास को कर चलें इक नदी दोस्तो