हासिल हो कुछ मआश ये मेहनत की बात है लेकिन सुरूर-ए-क़ल्ब ये क़िस्मत की बात है आपस की वाह वाह लियाक़त की बात है सरकार की क़ुबूल ये हिकमत की बात है वो मुख़्बिर-ए-रक़ीब है मैं हूँ शहीद-ए-‘इश्क़ ये अपनी अपनी हिम्मत-ओ-ग़ैरत की बात है बीए भी पास हों मिले बीबी भी दिल-पसंद मेहनत की है वो बात ये क़िस्मत की बात है तहज़ीब-ए-मग़रिबी में है बोसे तलक मु'आफ़ इस से अगर बढ़ो तो शरारत की बात है