हसीं लम्हे गुज़र गए यारो ख़्वाब सारे बिखर गए यारो मैं तो तन्हा सा रह रहा था मगर कि वो दिल में उतर गए यारो मेरी मंज़िल बना वही रस्ता वो जिधर से गुज़र गए यारो अब तो जीने से ख़ौफ़ आता है जाने क्या दिल पे कर गए यारो वो ही घबरा रहा था मिलने से हम तो शाम-ओ-सहर गए यारो आँसू 'एजाज़' के न थमते थे जब भी उस के नगर गए यारो