हसीं यादों से ख़ल्वत अंजुमन है ख़मोशी नग़्मा-ज़ार-ए-सद-सुख़न है निगार-ए-गुल-बदन गुल-पैरहन है धनक रक़्साँ चमन-अंदर-चमन है मिरी दीवानगी पर हँसने वालो यहाँ फ़र्ज़ानगी दीवाना-पन है मुबारक रह-रव-ए-राह-ए-तमन्ना वतन ग़ुर्बत में है ग़ुर्बत वतन है डरा सकते नहीं ख़ूनीं अँधेरे निगाह-ए-बे-दिलाँ ज़ुल्मत-शिकन है ख़ुशी अर्ज़ां है बाज़ार-ए-जहाँ में बहा-ए-ग़म मता-ए-जान-ओ-तन है अज़ल से 'वज्द' हर क़तरे के दिल में क़यामत-ख़ेज़ तूफ़ाँ मौजज़न है