हसरतें बेताब दिल नाशाद है हर तमन्ना माइल-ए-फ़रियाद है ज़िंदगी सर-ता-बा-पा बर्बाद है मुख़्तसर सी इश्क़ की रूदाद है कू-ए-जानाँ की फ़ज़ाएँ क्या कहूँ हर तरफ़ ख़ुल्द-ए-बरीं आबाद है आप के ज़ुल्म-ओ-सितम के साथ साथ आप का हुस्न-ए-करम भी याद है होशियार ऐ ताइरान-ए-गुलिस्ताँ बाग़बाँ के भेस में सय्याद है हम-नशीं हर कज-समाअ'त के लिए ज़मज़मा भी सूरत-ए-फ़रियाद है मै-कदा 'ग़मगीन' जब तक है जवाँ मेरा दिल हर फ़िक्र से आज़ाद है