ए'तिबार-ए-निगह-ए-यार ने दम तोड़ दिया आज इक हिज्र के बीमार ने दम तोड़ दिया ज़ीस्त के क़ाफ़िला-ए-सालार ने दम तोड़ दिया राह-ए-उल्फ़त में दिल-ए-ज़ार ने दम तोड़ दिया है शिफ़ायाब मरीज़-ए-ग़म-ए-हस्ती ऐ दोस्त ज़िंदगी थक गई आज़ार ने दम तोड़ दिया क्या किया आप ने चेहरा से हटा कर पर्दा दफ़अ'तन हसरत-ए-दीदार ने दम तोड़ दिया क्या तिरे साग़र-ए-दिल की वो खनक थी साक़ी जिस की आवाज़ पे मय-ख़्वार ने दम तोड़ दिया मंज़िल-ए-अज़्मत-ए-उल्फ़त का पता पा न सके अक़्ल की ताक़त-ए-रफ़्तार ने दम तोड़ दिया आप ये आख़िरी पैग़ाम-ए-मसर्रत सुन लें कि 'हयात'-ए-जिगर-अफ़गार ने दम तोड़ दिया