हिद्दत-ओ-हब्स पे तन्क़ीद नहीं कर सकते क्यों हम ऐसा मिरे ख़ुर्शीद नहीं कर सकते करनी पड़ जाए वज़ाहत पे वज़ाहत लेकिन हम तिरी बात की तरदीद नहीं कर सकते जब तिरा सामना होता है तो ऐ सहर-जमाल 'अर्ज़ कर सकते हैं ताकीद नहीं कर सकते मिस्ल-ए-औराक़-ए-परेशाँ है किताब-ए-हस्ती नुस्ख़ा-ए-दर्द की तस्वीद नहीं कर सकते जो मोहब्बत की हक़ीक़त से करें सर्फ़-ए-नज़र वो कभी 'अह्द की तज्दीद नहीं कर सकते ज़हर पीना तो बड़ी दूर का क़िस्सा है 'मुनीर' लोग सच्चाई की ताईद नहीं कर सकते