होश ओ ख़िरद से बेगाना बन जा हर फ़स्ल-ए-गुल में दीवाना बन जा आ दिल की बस्ती आबाद कर दे इक शब चराग़-ए-वीराना बन जा ख़ल्वत में क्या है जल्वत में गुम हो ज़िंदा हक़ीक़त-ए-अफ़्साना बन जा बे-सोज़ है बज़्म-ए-इल्म-ओ-दानिश शम-ए-यक़ीं का परवाना बन जा कितनी पिएगा जाम ओ सुबू से मस्त-ए-निगाह-ए-मस्ताना बन जा