होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है उन से नज़रें क्या मिलीं रौशन फ़ज़ाएँ हो गईं आज जाना प्यार की जादूगरी क्या चीज़ है बिखरी ज़ुल्फ़ों ने सिखाई मौसमों को शाइ'री झुकती आँखों ने बताया मय-कशी क्या चीज़ है हम लबों से कह न पाए उन से हाल-ए-दिल कभी और वो समझे नहीं ये ख़ामोशी क्या चीज़ है