हुक्म जारी हुआ ख़मोशी से मैं भी 'हावी' उठा ख़मोशी से शोर करते रहे चमन में तैर फूल सब कह गया ख़मोशी से चाँद पर भौंकते रहे कुत्ते चाँद हँसता रहा ख़मोशी से बारहा काट ली ज़बाँ मेरी बस मैं जलता रहा ख़मोशी से जिस से रौनक़ थी तेरी महफ़िल में बुझ गया वो दिया ख़मोशी से