हम तुझ से मोहब्बत कर के सनम रोते भी रहे हँसते भी रहे ख़ुश हो के सहे उल्फ़त के सितम रोते भी रहे हँसते भी रहे है दिल की लगी क्या तुझ को ख़बर इक दर्द उठा थर्राई नज़र ख़ामोश थे हम इस ग़म की क़सम रोते भी रहे हँसते भी रहे ये दिल जो जला इक आग लगी आँसू जो बहे बरसात हुई बादल की तरह आवारा थे हम रोते भी रहे हँसते भी रहे