हम तुम्हें बद-दुआ' नहीं देंगे इतनी लम्बी सज़ा नहीं देंगे ग़म को महसूस कीजिए साहिब ग़म तो ऐसे मज़ा नहीं देंगे अपनी बद-सूरती करो महसूस हम तुम्हें आइना नहीं देंगे ये मरज़ ठीक ही नहीं होगा आप जब तक दवा नहीं देंगे तुम को कर देंगे बस सुपुर्द-ए-ख़ुदा हम कोई फ़ैसला नहीं देंगे ख़ुद ही ख़ुश होइए वफ़ा कर के लोग दाद-ए-वफ़ा नहीं देंगे चैन उन को न आएगा जब तक अपने एहसाँ गिना नहीं देंगे अपनी बे-लौस चाहतों का कभी हम तुम्हें वास्ता नहीं देंगे तुम मिरे दोस्त रह चुके हो कभी इतनी जल्दी भुला नहीं देंगे दिल जो माँ-बाप का दुखाया तो दिल से वो भी दुआ नहीं देंगे हम मुबल्लिग़ हैं इश्क़ के 'नुसरत' नफ़रतों को हवा नहीं देंगे