हुस्न-ए-लाचार की बातें करें क्या इश्क़-ए-बीमार की बातें करें क्या सोगवारी चमन-ए-दिल पर है बर्ग-ए-रुख़्सार की बातें करें क्या नार-ए-दोज़ख़ से डराने वालो हम किसी नार की बातें करें क्या कैसे हालात से समझौता किया अब ये बे-कार की बातें करें क्या सब मकीनों से तआ'रुफ़ तो हुआ दर-ओ-दीवार की बातें करें क्या वज्ह-ए-गुफ़्तार जो मौजूद नहीं लुत्फ़-ए-तकरार की बातें करें क्या घर की तहज़ीब है मलहूज़-ए-नज़र घर में बाज़ार की बातें करें क्या रात भीगी है 'शफ़क़' आओ अब ख़्वाब-ए-बेदार की बातें करें क्या