मैं उसे सोचता रहा या'नी वो मिरा ख़्वाब है ख़ुदा या'नी हिज्र से हिज्र तक थी ये हिजरत वो मिला या'नी खो गया या'नी गर्दिश-ए-मेहर-ओ-माह का हासिल या'नी मेरा वजूद ला-यानी दिल कहाँ शहसवार-ए-दुनिया था सो गिरा गिर के मर गया या'नी तो मुझे उस का नाम भूल गया हो गया मैं भी लापता या'नी काम की बात पूछते क्या हो कुछ हुआ कुछ नहीं हुआ या'नी चलते रहिए तो सूख जाएगा ये समुंदर ये आबला या'नी या'नी तुम से तो मैं मिला ही नहीं वो कोई और शख़्स था या'नी कोई आवाज़ टूटने की नहीं दिल में इक बात है ख़ला या'नी उस को ख़ुश देख कर वहाँ 'बाबर' मैं भी ख़ुश था उदास था या'नी