जब मेरे क़बीले के तुम्हें लोग मिलेंगे आँखों में बसेंगे तो कभी दिल में रहेंगे आओ तो ज़रा देखो वफ़ा-ज़ादों की बस्ती हर कूचे में याँ लोग वफ़ादार मिलेंगे क्या लिक्खा है तक़दीर में ये रब को है मालूम कुछ रोज़ तो हम तेरे लिए ख़्वाब बुनेंगे इस इश्क़ की कठिनाई से उकताए हुए लोग मर जाएँगे लेकिन ये मोहब्बत न करेंगे ये जान लें अहबाब मिरी माँ की दुआ है बहलाने को दिल चाँद सितारे भी झुकेंगे ये सच है अना अपनी हमें जान से प्यारी मिट जाएँगे इस का कभी सौदा न करेंगे