जब से तुम ने दे दिया है दिल का नज़राना मुझे कह रही है सारी दुनिया तेरा दीवाना मुझे दोस्तो रोको न मुझ को आ रहा हूँ वज्द में याद इक मुद्दत पे आया है सनम-ख़ाना मुझे राह तकता होगा कोई मेरा मंज़िल के क़रीब शब की तारीकी में ऐ दिल राह दिखलाना मुझे आओ तन्हाई में चल कर दिल की कुछ बातें करें शहर में मुमकिन नहीं मिल जाए फ़रज़ाना मुझे होश की बातें करूँ क्या होश बाक़ी है कहाँ जब से तुम ने कर दिया है अपना दीवाना मुझे शैख़ जी चलते बने हैं ले के अह्द-ए-तर्क-ए-मय रात भर कोसा करेंगे जाम-ओ-पैमाना मुझे जी में आता है 'ज़फ़र' मैं फिर चमन को छोड़ दूँ रास आता है हमेशा से ही वीराना मुझे