जब तक दिल में घाव नहीं था जीवन में भटकाव नहीं था बेरी पहले भी होती थी आँगन में पथराव नहीं था इंसानी तारीख़ से पहले इंसानी टकराव नहीं था उन सदियों को ढूँड के लाओ जब झूटा बहलाव नहीं था जब ता'बीरें मिल जाती थीं तब ख़्वाबों का भाव नहीं था ज़ेहनों में हैजान है अब तो पहले भी ठहराव नहीं था