जब तिरे नैन मुस्कुराते हैं By मोहब्बत, इश्क़, वैलेंटाइन डे, लव, आँख, हुस्न, Ghazal << कब अहल-ए-इश्क़ तुम्हारे थ... बैठे बैठे जो हम ऐ यार हँस... >> जब तिरे नैन मुस्कुराते हैं ज़ीस्त के रंज भूल जाते हैं क्यूँ शिकन डालते हो माथे पर भूल कर आ गए हैं जाते हैं कश्तियाँ यूँ भी डूब जाती हैं नाख़ुदा किस लिए डराते हैं इक हसीं आँख के इशारे पर क़ाफ़िले राह भूल जाते हैं Share on: