जग के हैं हालात कठिन मत रखिए जज़्बात कठिन सूखे हैं तालाब नदी आई है बरसात कठिन चैन से बच्चे सोएँगे गुज़र गए औक़ात कठिन होली हो या ईद का दिन होती है इक बात कठिन मुंसिफ़ मुजरिम क़ातिल चोर सब के हैं बर्कात कठिन हर शब तौबा करते हैं जिन की हैं आदात कठिन 'शम्सी' तारे गिन गिन के कटते हैं लम्हात कठिन