जागती हक़ीक़त तक रास्ता है ख़्वाबों का दरमियाँ मिरे उन के फ़ासला है ख़्वाबों का एक शब के टुकड़ों के नाम मुख़्तलिफ़ रखे जिस्म-ओ-रूह का बंधन सिलसिला है ख़्वाबों का देखें इस कशाकश का इख़्तिताम हो कब तक जागने की ख़्वाहिश है हौसला है ख़्वाबों का अपनी अपनी ताबीरें ढूँढता है हर चेहरा चेहरा चेहरा पढ़ लीजे तज़्किरा है ख़्वाबों का नश्शे का ये आलम है सच ही सच लगे सब कुछ ज़िंदगी की सहबा है मय-कदा है ख़्वाबों का गर्द-ए-राह की सूरत साँस साँस है ऐ 'नूर' मीर-ए-कारवाँ मैं हूँ क़ाफ़िला है ख़्वाबों का