जहाँ में कोई तुम्हारा जवाब हो न सका सितारा लाख बढ़ा आफ़्ताब हो न सका ख़ुशी के चंद ही लम्हे थे गिन लिए लेकिन ग़म-ए-जहाँ का किसी से हिसाब हो न सका यहाँ तो चारों तरफ़ पत्थरों की बारिश थी कोई भी संग निशाना-मआ'ब हो न सका क़ुसूर इस को समझिए मिरी बसारत का वो बे-लिबास रहा बे-हिजाब हो न सका मिरे लहू ने बहारों को ताज़गी दे दी फ़सुर्दा उन के लबों का गुलाब हो न सका इसे समझना तो मुमकिन नहीं है ऐ 'अनवर' वो एक चेहरा जो दिल की किताब हो न सका