जहाँ सब अपने कारोबार में उलझे हुए हैं वहीं देखो कि हम संसार में उलझे हुए हैं उलझने का वहाँ अपना मज़ा है इस लिए हम किसी के काकुल-ए-ख़मदार में उलझे हुए हैं उधर हैरत में कोई आ गया सुन कर कहानी इधर हम इस कहानी-कार में उलझे हुए हैं उन्हें ये बात समझाते हुए मैं थक गया हूँ कि मुझ से आप तो बेकार में उलझे हुए हैं